और वो मार दी गई......
वो रोई कुलबुलाने से पहले
सोयी हुई भीतर ही भीतर
वो रोई...
मर जाने से पहले
यू लगा दुनिया को
जैसे उस में 'जान' नहीं
तो उस मरना है सही
तो उसे मारना 'मारना' न हुआ
लेकिन, कीन्तु, परन्तु
वो मार दी गई
क्योंकि जीने का उसे हक न मिला
जी पाती तो देख लेती दुनिया सारी
जीती तो चाहती माँ तुझ ही को
बनती बाप की आँख का तारा तू ही तो
जीती तो बनती किसी का प्यार
जीती तो बनती किसी की चाह
जीती तो बनती शायद डॉक्टर इंजिनियर टीचर या माँ ही तो
जीती तो शायद एक और औरत होती इस दुनिया में
जीती तो शायद अनचाही न बनती
जीती तो शायद मरी न होती
लेकिन अरमान रखे अन्दर
सपने देखे बिन ही
वो रोई उन सपनो के लिए
कुलबुलाने से पहले
अंगडाई उठाने से पहले
वो रोई..
वो रोई....
माँ के उसे मार देने से पहले
वो मार दी गई
रोने से पहले
कुलबुलाने से पहले
और जीने से पहले
© Vim
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I thiks this is the best i read of you vimmz its truth and its felt...you described it with right words and right emotions loved it you should post it on AKN...yaar heera chupakar rakha hai aur poochte ho kya yeh qabil hai...
lots of love shaheen
Thanks Shaheen, I am really happy to have the beautiful true responses from you always...Thanks for being there girl...
V
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