Shadows of Life

"Welcome to my personal space. Please read, enjoy and don't forget to comment - Life is too short to wake up with regrets."

Do saal - Oct 15, 2008

00:00 Posted by Shadows of life

ना तूफ़ान दिखा,
ना आंधी आई,
ना चमकी बिजली ही,
ना बुझी शमा ही...

बस यूँ ही गुज़र गया यह बरस भी,
बस यूँ ही बिगड़ गई उस की नज़र भी,
बस यूँ ही फेर ली गई शक्लो-सूरत भी,
बस यूँ ही देश अपना हो गया पराया,
बस यूँ ही उठ गया सर से वो साया,

दो साल हो गए आज...
छोडे उस मिट्टी को...
सूंघे उस खशबू को...
महसूस किए हुए,
उस शान की सभ्यता को...
जिगर से लगाये....
उस ईमान के इश्क को!

दो साल हो गए आज...
दो साल गुज़र गए
गुजरी यादों के साथ...

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